उसमें आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने कोमल और मीनू को चोदा और उनकी गांड मारी.
आज आप सबके लिए मैं अपनी दूसरी सेक्स कहानी लेकर आया हूं. जिसमें मैंने K-Y जैली लगा कर कोमल की गांड मारी.
मैंने कोमल की गांड तो मार ही ली थी. मेरा दिल भरा नहीं था, पर मेरी पत्नी के आ जाने के कारण सब बंद करना पड़ा था.
ऐसे ही कुछ दिन निकल गए और मेरी बीवी को पीरियड आ गए, जिसके कारण मैं उसकी चूत नहीं चोद सका.
मेरा लौड़ा तो रोज ही खड़ा हो जाता था.
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मुझको ख्याल आया कि क्यों न माली के घर जाया जाए.
मैं सुबह को उसके घर गया तो देखा माली पानी भर रहा है और उसकी बीवी मीनू कपड़े धो रही थी.
माली मुझको आया देख कर बोला- छोटे बाबू … आप मेरे घर … आइए ना!
मैं घर में गया तो देखा कोमल दिखाई नहीं दे रही थी.
तो मैं माली से नए पौधे लेने के बारे में पूछने लगा.
तभी कोमल पेटीकोट में बाथरूम से निकली.
वह बड़ी सेक्सी लग रही थी.
माली मुझको पौधे दिखा रहा था और मैं उसकी बहन कोमल को देख रहा था.
मीनू मुझको देख कर हंस रही थी.
मैंने माली से और पौधे देखने के बारे में पूछा.
तो वह बोला- छोटे बाबू आप थोड़ी देर बैठो, मैं अभी जाकर नए पौधे लाता हूं.
मैंने कहा- ठीक है.
इतने में माली ने मीनू को कहा- साहब को चाय पिलाओ. मैं अभी गया और अभी आया.
मैंने सोचा कि यह यहीं कहीं पास में जाने के लिए कह रहा होगा.
एक बार को तो मन उदास हुआ कि यह भोंसड़ी का हाल की हाल लौट आएगा तो इसकी बहन और बीवी की चूत का मजा कैसे मिलेगा.
मैंने उससे पूछा- नए पौधे लेने किधर जाना है?
वह बोला- यहाँ से थोड़ी दूरी पर मेरे दोस्त की नर्सरी है. उससे बात हुई थी तो उसने बताया था कि उसके पास नई नई पौध आई हैं.
मैंने पूछा- उसकी नर्सरी कितनी दूर है.
वह बोला- बस साब दस मिनट की दूरी पर ही है. मैं अभी गया और अभी आया. आप उसकी नर्सरी की पौध देख कर खुश हो जाएंगे.
मैंने कहा- हां भाई ठीक है. पर तुम आराम से जाओ और आराम से आना. मुझे कोई जल्दी नहीं है. मैं यहीं बैठा हूँ और चाय पीते पीते ही समय बिता लूँगा. तुम बेफिक्र जाओ और आराम से अच्छी अच्छी पौध छाँट कर लाना.
वह ‘ठीक है मालिक.’ कह कर चला गया.